उप्र: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 20 मार्च से 17 अप्रैल तक की पेश की जवाबदेही

- राम कचहरी चारोधाम में बनाया जा रहा है ट्रस्ट का कार्यालय
- जन्म भूमि की मिट्टी की शक्ति नापने के लिये लिये गए सैम्पल
- 30 अप्रैल को मन्दिर निर्माण के लिए निर्धारित भूमि पूजन स्थगित
- नित्य चलते रहने वाले राम नाम संकीर्तन का प्रभाव, राम जी का अयोध्या कोरोना से है 'रक्षित'
पवन/राजेश
अयोध्या, 18 अप्रैल (हि.स.)। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों ने 20 मार्च से 17 अप्रैल के बीच की अपनी जवाबदेही देशवासियों के सामने पेश की है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री तथा विश्व हिंदू परिषद (विहिप ) उपाध्यक्ष चंपत राय ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि दिसम्बर 1992 से रामलला कपड़े के मन्दिर (घर) में विराजमान थे। भगवान को लकड़ी के नये बनाये घर में 25 मार्च को प्रातः 5 बजे उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने लकड़ी के मन्दिर में भगवान का पूजन कर विराजित किया।
उन्होंने अस्थायी रूप से बने रामलला के गर्भ गृह के विषय में बताया कि लकड़ी के इस मन्दिर की लम्बाई 24 फ़िट, चौड़ाई 17 फ़िट व ऊँचाई 19 फ़िट है। इसके ऊपर 35 इंच का शिखर है। रामलला को चाँदी के सिंहासन पर विराजित किया है। यह सिंहासन अयोध्या राजपरिवार के विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने बनवाया है। रामलला के सिंघासन की लम्बाई 25 इंच, चौड़ाई 15 इंच, ऊँचाई 30 इंच है, इसका वजन 9.5 किलो है।
उल्लेखनीय है कि शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन नव संवत्सर पर राम जन्मभूमि रामलला का अस्थाई गर्भ गृह बनाकर विधि विधान अनुष्ठान पूर्वक प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामलला को उनके अनुज के साथ विराजमान करा दिया था। और पूर्व में स्थापित टेंट के गर्भगृह को गिरा कर वहां की पूरी भूमि को समतल कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि रामलला के अस्थाई गर्भ गृह में विराजमान होने के अवसर पर मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी ओर से 11 लाख रुपया का चेक ट्रस्ट को भेंट किया गया था।
उन्होंने बताया कि रामनवमी 2 अप्रैल को ट्रस्ट ने अपना प्रतीक चिन्ह (लोगो) तथा बैंक खाता सार्वजनिक किया। ट्रस्ट महामंत्री राय ने पूर्व में स्थापित राम लला के टेंट के गर्भ गृह के विषय में बताया कि भगवान का कपड़े का घर हटा दिया गया है। गर्मी में अग्नि से रक्षा और मन्दिर निर्माण कार्य प्रारम्भ करने के लिये आवश्यक था। जन्मभूमि के निकट दर्शन मार्ग पर ट्रस्ट के लिये अस्थायी रूप से एक कार्यालय की आवश्यकता थी। कचहरी चारोधाम के महंत शशिकांतदास ने अपना स्थान दिया। उसे अपने अनुसार मरम्मत करा रहे हैं।
राम कचहरी चारोधाम में बनाया जा रहा है ट्रस्ट का कार्यालय
उन्होंने ट्रस्ट कार्यालय के पते को सार्वजनिक करते हुए बताया कि उसका पता-राम कचहरी चारोधाम, रामकोट, अयोध्या (उत्तर प्रदेश) पिन-224 123 रहेगा। उन्होंने बताया कि निर्माण स्थल के निकट भी आवासीय परिसर की ज़रूरत थी, वह भी मिल गया। उसकी सफ़ाई, बिजली, पानी आदि मरम्मत हो रही है।
- जन्म भूमि की मिट्टी की शक्ति नापने के लिये लिये गए सैम्पल
बताया कि इसी कालखण्ड में सम्पूर्ण अधगृहीत 67 एकड़ भूमि का सर्वे तथा मिट्टी की शक्ति नापने के लिये भूतल के नीचे की मिट्टी के सैम्पल ले लिये गये हैं। प्रयोगशाला खुलने पर मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट मिलेगी। उन्होंने कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए कारसेवकपुरम में हुए अनुष्ठान के विषय में बताया कि शुक्ल यजुर्वेद के औषधि मन्त्र व अथर्ववेद के कृमि जमभन सूक्त का पारायण व होम 15 दिन तक करके रोग से रक्षा के लिए परमात्मा से प्रार्थना की गई। इसप्रकार 20 मार्च से 17 अप्रैल तक के कालखण्ड का पूर्ण सदुपयोग किया है। बताया कि आगे जैसा राम जी चाहेंगे, वैसा करेंगे।
- 30 अप्रैल को मन्दिर निर्माण के लिए निर्धारित भूमि पूजन स्थगित
उन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के शिलान्यास के विषय में बताया कि 30 अप्रैल मन्दिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए सोचा था। कोरोना महामारी के कारण सन्त समाज का विचार बना कि परिस्थिति सामान्य होने पर ही भूमिपूजन हो। इसलिए भूमिपूजन स्थगित कर दिया है। उन्होंने अयोध्या में कोरोना के संक्रमित ना मिलने पर बताया कि यह जानकर अच्छा लगेगा कि सम्पूर्ण अयोध्या जनपद इस रोग से अभी तक मुक्त है। यह नित्य चलते रहने वाले राम नाम संकीर्तन का प्रभाव है, अयोध्या राम जी द्वारा रक्षित है।
इसके पूर्व उन्होंने राम जन्म भूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राम जन्म भूमि परिसर की भारत सरकार द्वारा पूर्व में अधिग्रहीत 67 एकड़ भूमि के मौलिक दस्तावेज़ 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' को अयोध्या मंडलायुक्त द्वारा सौंपा गया। वर्ष 1993 में अयोध्या में भारत सरकार द्वारा राम लला की जन्म भूमि की 67 एकड़ भूमि अधिग्रहीत कर मंडलायुक्त को रिसीवर नियुक्त कर रामलला को अस्थाई टेंट में विराजमान कराकर पूजा पाठ नियुक्त पुजारी द्वारा कराया जा रहा था।
पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम जन्म भूमि के पक्ष में निर्णय मैं राम लला की व्यवस्था को ट्रस्ट बनाकर संचालित करने के बाद भारत सरकार ने श्री राम जन्म भूमि थी निश्चित ट्रस्ट के नाम से संस्था बनाकर रामलला के विषय में सभी निर्णय और मंदिर निर्माण किए जाने के लिए गठित कर दिया था। जिसके बाद कमिश्नर एमपी अग्रवाल ने ट्रस्टी अयोध्या राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को परिसर का रिसीवर का चार्ज दे दिया था।
उसके बाद मंडलायुक्त अग्रवाल ने ट्रस्ट को भारत सरकार द्वारा अधिग्रहीत 67 एकड़ भूमि के मौलिक दस्तावेज़ पूर्ण रूप से 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' को सौंप दिये गये हैं।
ट्रस्ट के महामंत्री राय ने ट्रस्ट के द्वारा जनहित में किए जा रहे कार्यों के विषय में बताया कि 31 मार्च से सरयू तट पर रहने वाले साधू, संत व अन्य निर्धन वर्ग के लिये भोजन सेवा प्रारम्भ की। नित्य 650-700 भोजन पैकेट अयोध्या के संघ कार्यकर्ताओं व पुलिस के सहयोग से देने की सेवा भी जारी है।
ट्रस्ट की ओर से 11 लाख रूपया कोरोना महामारी को रोकने के लिये ज़िलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री केयर कोष को भेंट किया गया। उन्होंने बताया कि महामारी के विरुद्ध लॉकडाउन अयोध्या में भी कठोरता से लागू हुआ है। अयोध्या में सर्वाधिक संकट वानरों के सामने आया है। वे भूख से बेचैन हिंसक होने लगे। रामनगरी के आश्रमों ने वानरों को अन्न देना प्रारम्भ किया।
बताया कि विश्व हिन्दू परिषद(विहिप) ने भी 30 मार्च से वानरों को चना, मक्का व गेहूँ दाना खिलाना प्रारम्भ किया। यह सेवा लॉकडाउन तक करते रहने की भावना है और जैसी प्रभु इच्छा है।