हिन्दू जनजागृति समिति ने संतो की जघन्य हत्या की किया निन्दा

 


पुलिसकर्मियोंके सामने ही दो संतों का 'मॉब लिंचिंग' करना,  महाराष्‍ट्र को कलंकित करनेवाली घटना- हिन्दू जनजागृति समिति



समिति ने किया मांग -  मामले में पुलिसकर्मियों सहित दोषियों के विरुद्ध हो कठोर कार्रवाई 


(पावन भारत टाइम्स संवाद)


लखनऊ।  हिंसक भीड ने पुलिसकर्मियों के सामने ही अमानुषिक मारपीट कर ‘श्री पंच दशनाम जुना अखाडा’ के संत कल्‍पवृक्षगिरी महाराज एवं सुशीलगिरी महाराज, साथ ही उनके वाहनचालक की निर्मम हत्‍या की है । इस संदर्भ में सामने आए वीडियो में पुलिसकर्मियों द्वारा ही उन वयोवृद्ध संतों को हिंसक भीड के हाथों सौंपने और पुलिसकर्मियों के सामने ही उनकी निर्मम हत्‍या किए जाने का भीषण सत्‍य उजागर हुआ है । जिन पर जनता की सुरक्षा का दायित्‍व है, वे पुलिसकर्मी ही यदि हत्‍या करनेवालों की सहायता करते हों, तो अब जनता किसके भरोसे रहेगी ? इससे पहले भी ठाणे के पुलिसकर्मियों द्वारा एक हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ को उसके घर से उठाकर मंत्री के बंगले पर ले जाना और वहां उसके साथ अमानुषिक मारपीट होने की घटना सामने आई थी ।


 


उक्त बातें हिन्‍दू जनजागृति समिति के    राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता रमेश शिंदे ने जारी बयान में व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि  तुकाराम आेंबळे जैसे पुलिसकर्मी के बलिदान से बढा महाराष्‍ट्र पुलिस बल का गौरव ऐसी घटनाआें से कलंकित होकर पतन की ओर जा रहा है । ये घटनाएं संतों की भूमि कहलानेवाले महाराष्‍ट्र को कलंकित कर रही  हैं । बार-बार हिन्‍दुआें को लक्ष्य बनानेवाली ऐसी हिंसक घटनाआें को रोकने हेतु दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की आवश्‍यकता है । पालघर के प्रकरण में उच्‍चस्‍तरीय जांच कर दोषी हिंसक भीड सहित संबंधित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध भी धारा ३०२ के अंतर्गत प्राथमिकी प्रविष्‍ट की जानी चाहिए, साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों को पुलिस विभाग की सेवा से हटाया जाए, यह हमारी मांग है ।


सरकार को इस संदर्भ में जनता के सामने सच्‍चाई रखनी चाहिए । ‘लॉकडाऊन’ में यातायात बंदी के समय पालघर में रात के समय सैकडों लोगों की हिंसक भीड लाठियों के साथ बाहर आती है और संतों द्वारा पुलिसकर्मियों से संरक्षण की गुहार लगाने के पश्‍चात भी यह भीड उनकी निर्मम हत्‍या कर देता है, यह स्‍ंतभित करनेवाला दृश्‍य है । ‘श्री पंच दशनाम जुना आखाडा’ देश के १३ अखाडों में से सबसे बडा अखाडा है । इस कारण देशभर में रोष व्‍यक्‍त किया जा रहा है । इसलिए सरकार इस प्रकरण में तुरंत कार्रवाई करे, यह हमारी मांग है ।


 


 


रामनगरी के रामकोट कनक भवन के निकट से समिति के ही सक्रिय कार्यकर्ता राष्ट्रवादी वैद्य राम प्रकाश (आर पी) पाण्डेय ने‌ कहा कि महाराष्ट्र मे हुई जूना अखाड़े के संतों की जघन्य हत्या पर सभी दुखी हैं।

महाराष्ट्र सरकार की पुलिस जिस प्रकार से संतो को भूखे भेड़ियों के सम्मुख झिड़क रही है।उससे तो यही लगता है कि यह षडयंत्र पूर्वक उन्हे इन दरिंदों के सामने परोसा गया हो। देश मे बात बात पर एक धर्म विशेष के समर्थन मे झोला और कलम वा माईक पकड़ने वाले तथाकथित राजनैतिक बुद्धिजीवियों  को सांप सूंघ गया है।इस हत्याकांड से मानवता शर्मसार हुई है। सम्पूर्ण दोषियों को दंडित करना चाहिए । उस समय साधु बार-बार पुलिस वाले का हाथ एक बच्चे की तरह पकड़ रहे थे ,गुहार लगाते रहे ,बचाने के लिए, पर पुलिस वाले ने हाथ झटक कर भीड़ के हवाले कर दिया। हाय क्या यही शिवाजी की धरती है ?