हजारों परिवारों में एक साथ गुंजायमान हुआ नमस्ते सदावत्सले मातृभूमि......
(राहुल सिंह)
अयोध्या। रविवार की शाम जैसे ही घड़ी में साढ़े पांच बजे वैसे ही अयोध्या महानगर के लगभग 6 हजार परिवारों में एक साथ नमस्ते सदावत्सले मातृभूमि... की गूंज सुनाई देने लगी। राष्ट्रव्यापी बन्दी में स्वयंसेवकों को सक्रिय बनाये रखने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अखिल भारतीय स्तर पर यह योजना बनाई थी अर्थात देश भर के स्वयंसेवक परिवारों में प्रार्थना एक समय पर ही करने का आग्रह किया था । आज सामूहिक प्रार्थना का कार्यक्रम सायंकाल की शाखा पर किया गया ।राष्ट्रव्यापी बन्दी में दिशा निर्देशों का पालन करते हुए तथा शारिरिक दूरी का पालन करते हुए अयोध्या महानगर में कुटुम्ब शाखाओं को प्रारम्भ किया है जिसमें स्वयंसेवक नियमित अपने घरों के बालकनी, छतों आदि पर अपने परिवार के लोगों के साथ सुविधाजनक स्थानों पर ध्वज लगा कर शाखाएं लगा रहे है। यह क्रम राष्ट्रव्यापी बन्दी तक जारी रहेगा ।
महानगर कार्यवाह देवेंद्र ने बताया कि सामूहिक शक्ति के जागरण के लिए भारत माता की वंदना का आह्वाहन किया गया था जब देश भर में लाखों स्वयंसेवक संघ की प्रार्थना का उच्चारण करेंगे तो ब्रह्मांड में नई सात्विक शक्ति का संचार होगा इसी पवित्र भाव के साथ अयोध्या महानगर में एक साथ प्रार्थना का गायन कर नया कीर्तिमान बनाया गया ।
- साकेत नियलयम में भी हुई सामूहिक प्रार्थना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अयोध्या के क्षेत्रीय कार्यालय साकेत निलयम में भी निर्धारित समय पर संघ प्रार्थना का गायन हुआ जिसमें सह प्रांत प्रचारक मनोज, विभाग प्रचारक संजय,महानगर प्रचारक अनिल ,सह महानगर कार्यवाह राहुल, सूरज, विद्यार्थी विस्तारक विकल्प,रवि बाबा लालदास आदि स्थानीय स्वयंसेवक उपस्थित रहे ।
उल्लेखनीय हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वर्तमान प्रार्थना की रचना 1939 में हुई । जिसकी रचना नरहरि नारायण भिड़े ने की थी। जिसका प्रथम बार गायन पुणे में संघ शिक्षा वर्ग में हुआ था।