अयोध्या:रामलला के दरबार में खंडित मूर्ति को हटाकर स्थापित की गई नई हनुमान मूर्ति
-भक्तों ने की हनुमान पूजा
अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिषद में 1992 से खंडित हनुमत लला की मूर्ति को हटाकर नई मूर्ति को रामलला दरबार में स्थापित कर रविवार से पूजा शुरू कर दी गई है। नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा संस्कृत के मूर्धन्य विद्वान कौशलेश सदन के महंत जगतगुरु स्वामी वासुदेवाचार्य विद्या भास्कर के साथ दो वैदिक आचार्यों द्वारा करके पूजन आराधना शुरु कर दिया गया है।
रामलला के अस्थायी गर्भगृह में हनुमान जी की पुरानी खंडित मूर्ति को शनिवार को सरयू में विसर्जित कर दिया गया है। अब भगवान राम लला अपने तीन अनुज भाइयों और भक्त हनुमत लला के साथ विराजमान हैं।
हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में राम जन्मभूमि परिसर स्थित रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि एक मार्च 1992 को ढांचा विध्वंस के बाद उन्हें रामलला की पूजा-अर्चना करने का सौभाग्य मिला। उसी समय उन्होंने देखा कि गर्भगृह में प्राचीन हनुमान जी की दो मूर्तियां है। एक संगमरमर से बनी दो फिट की और दूसरी पत्थर से बनी एक फिट की मूर्ति विराजमान है और छोटी मूर्ति खंडित थी। इसको लेकर उन्होंने इसकी जानकारी तुरंत रिसीवर को देकर उसे हटाने की अनुमति मांगी थी,जो उस समय नहीं मिली थी।
इसके बाद से न्यायालय के आदेश से गर्भगृह में रखी सभी मूर्तियों का निरीक्षण कर उनकी गणना अधिकारी रोजाना करते आए। सुप्रीम कोर्ट में निर्णय आने के बाद अब रामलला के अस्थायी मंदिर में विराजमान होने पर ट्रस्ट के पदाधिकारियों को इस बात से अवगत कराया गया। वैदिक रीति-रिवाज से श्रीरामलला के बगल में लगभग चार इंच के हनुमान जी को स्थापित किया गया है।