(पावन भारत टाइम्स संवाद)
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने इतिहास से सीख लेने की बात कहते हुए कहा कि आज समाज को ग्रंथों को फिर से पढ़ने की आवश्यकता है। कुलपति अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति, अवध प्रान्त की राजा मोहन गर्ल्स पीजी कॉलेज के सहयोग से 'ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में महामारी कारण एवं निवारण' विषय पर वेबिनार के माध्यम से बुधवार को संगोष्ठी में बोल रहे थे।
प्रो. दीक्षित ने कहा कि मॉडर्न चिकित्सा के साथ साथ प्राचीन चिकित्सा पढ़ने की बहुत जरूरत है। जब महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है और कोई दवाई नहीं बन पाई है तब बड़े-बड़े चिकित्सक, वैज्ञानिक और आयुष मंत्रालय ने हल्दी, धनिया, काली मिर्च एवं दालचीनी जैसे मसालों का सेवन की सलाह दी है।
प्राचीन समय से ही भारत के सभी घर के रसोइयों में प्रतिदिन मसालों के इस्तेमाल से भोजन बनाया जाता है। सम्पूर्ण विश्व भारतवर्ष को आशा भरी निगाहों से देख रहा है। भारत को अब कोरोना के लिए तैयार रहना होगा और विश्व में अपनी नयी पहचान बनानी होगी।
अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. बालमुकुंद ने इतिहासकारों के महामारी से लड़ने में प्रयास पर प्रकाश डाला। प्रचारक संजय ने इतिहास में घटित महामारियों का उदाहरण देते हुए जीवन पद्धति में सुधार करने का सुझाव दिया।
प्रचारक संजय ने इतिहास में घटित महामारियों का उदाहरण देते हुए जीवन पद्धति में सुधार करने का सुझाव दिया।
राजा मोहन गर्ल्स पीजी कॉलेज की डॉ. प्रज्ञा मिश्रा ने कहा कि इतिहास के विद्वानों को लॉक डाउन के समय मे सभी को एक मंच पर लाया गया और सभी विद्वजनों से आवाह्न किया गया कि इतिहास से प्रेरणा लेते हुए पुराण, वेद, उपनिषद का पुनः अध्ययन करके महामारी के निर्वाण का हल निकाला जाए।