( पावन भारत टाइम्स संवाद)
अयोध्या।सीताराम नाम जप परिवार फटिक शिला अयोध्या द्वारा विगत 17 फरवरी से राम नाम जप यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें शनिवार को एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । जिसकी अध्यक्षता परम पूज्य संत श्री शुकदेव दास जी महाराज श्रीधाम अयोध्या ने किया। अपनी काव्य कला से सुविख्यात आशू कवि
संस्कार भारती के जिला संयोजक अशोक टाटम्बरी व परम पूज्य महाराज जी द्वारा रामनगरी के
तपस्वी संत गुरु महाराज तपस्वी नारायण दास बगही बाबा के चित्र पर माल्यार्पण कर कवि सम्मेलन की शुरुआत की गई। सम्मेलन में वाणी वंदना लखनऊ से पधारे कवि शैलेन्द्र पांडेय मासूम लखनवी ने कुछ इस प्रकार की "अम्बर पर से आवो मइया अवनी पर छा जाओ मइया" ।
इसी क्रम में वेद प्रकाश प्रचण्ड ने "भारत मां का पावन आंचल बिस्तर और खिलौना है" से अपना काव्य पाठ किया।
युवा ओजस्वी कवि
नवल जयदीप बस्ती ने कवि सम्मेलन में "तुम्हारे हमसफ़र जितने हैं दो दो सात करते हैं के बोल से अपनी आकर्षक प्रस्तुति दिया। उन्होंने कहा कि
विदूषक मंच के साहित्य पर आघात करते हैं
कमी तुम क्या निकालोगे हमारी शायरी में जब
हमारे घर के बच्चे तक बहर में बात करते हैं"।
श्री राम की उद्भव स्थली मखौड़ा धाम बस्ती से पधारे ओज कवि पं॰ राजेश पाण्डेय ने__
वीरता शिवा की अब भी सारी दुनिया है कहती।
वह काला पानी अब भी सावरकर से है डरती।
की काव्य पाठ से पूरा पण्डाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
वीरता शिवा की अब भी सारी दुनिया है कहती।
वह काला पानी अब भी सावरकर से है डरती।
की काव्य पाठ से पूरा पण्डाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
श्याम सारथी ने "रात प्रभु ध्यान धरकर शयन कीजिए
प्रात उठकर बड़ों को नमन कीजिए
आयु विद्या योशोबल बढ़ेगा सभी
मनु कथन राम सा आचरन कीजिए" का सुंदर काव्य पाठ किया।
प्रमुख कवि हिंदी के सशक्त हस्ताक्षर आंशू कवि अशोक टाटम्बरी ने मनमोहक प्रस्तुति देते हुए कहा कि " राम नाम जपने से ईस से महेश हुए,
नाम के प्रभाव से देव महादेव ह्वै गए" सहित नाम की महिमा पर बहुत सुंदर काव्य पाठ किया।
कवि अशोक मिश्रा को टाटम्बरी की उपाधि इसी मंदिर के प्रांगण में पूज्य महाराज जी द्वारा वर्षों पहले दिया गया था। कवि अशोक टाटम्बरी का आश्रम से बहुत पुराना संबंध है। यही आश्रम कवि टाटम्बरी का गुरु घराना भी माना जाता है।
चंदन तिवारी ने " पितृ वचनों की लाज हेतु त्यागी जन्मभूमि
धर्म कर्म है ,प्रणम्य मेरे प्रभु राम का" के स्वर से काव्य पाठ किया।
ओम कुमार ने "इस बातचीत से ना कभी बात बनेगी
मां कब तलक अपने ही बेटों की लाश गिनेगी" की रचना सुनाई ।
देर रात्रि में पूज्य महाराज श्री के आशीर्वचन के पश्चात कार्यक्रम के स्थगन की घोषणा की गई।