इन्द्रेश कुमार के जन्म दिवस को ‘भूख मुक्ति दिवस’ के रूप में मनाया गया







( पावन भारत टाइम्स संवाद) 


वाराणसी। आज वैज्ञानिक युग में भी विश्व के अनेक देशों में लो भुखमरी के शिकार है। भूख से मौत को मानवता पर कलंक मानने वाले देश भी भुखमरी को रोकने में असमर्थ हैं। विशाल भारत संस्थान द्वारा संचालित विश्व के पहले अनाज बैंक ने 2015 से संगठित तरीके से सामाजिक सहभागिता के आधार पर भूख से पीड़ितों की मदद शुरू की। अनाज बैंक ने भारत के प्रधानमंत्री और संयुक्त राष्ट्रसंघ को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि इन्द्रेश कुमार के जन्मदिवस को ‘भूख मुक्ति दिवस’ के रूप में घोषित किया जाये। इसी क्रम में अनाज बैंक के संरक्षक राष्ट्रवादी विचारक एवं समाज सुधारक इन्द्रेश कुमार के जन्मोत्सव को भूख मुक्ति दिवस के रूप में मनाने का संकल्प दर्जन भर संस्थाओं ने लिया। इन्द्रेश नगर (लमही) के सुभाष मंदिर में ‘भूख मुक्ति यज्ञ’ का आयोजन किया गया। पं0 अनुज पाण्डेय के नेतृत्व में पं0 ऋषि द्विवेदी, महंत बालक दास जी महाराज, प्रो0 एस0पी0 सिंह, डा0 राजीव श्रीवास्तव ने भारत को भूख से मुक्त कराने का संकल्प लेकर यज्ञ में आहुति दी।


भूख मुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ज्योतिषाचार्य पं0 ऋषि द्विवेदी ने सुभाष मंदिर में पुष्प अर्पित कर एवं दीपोज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। पातालपुरी मठ के महंत बालक दास ने सुभाष भवन की परिक्रमा की और सुभाष भवन में भोजन बना रहीं महिलाओं को अपना आशीर्वाद दिया और भूख से मुक्त कराने का संकल्प दिलाया। महिलाओं ने सोहर गीत गाकर इन्द्रेश कुमार के दीर्घायु होने की कामना की।


अनाज बैंक की ओर से 200 गरीब परिवार की महिलाओं को अनाज वितरित किया गया। 50 नये परिवारों का खाता खोला गया।


इस अवसर पर मुख्य अतिथि पं0 ऋषि द्विवेदी ने कहा कि ‘इन्द्रेश कुमार एक समाज सुधारक और विचारक होने के साथ-साथ गरीबों और वंचितों के प्रति सम्वेदना रखने वाले महापुरूष हैं। अनाज बैंक की स्थापना से हजारों परिवारों का पेट भरना इन्द्रेश कुमार के संकल्पों की देन है।’


अध्यक्षता कर रहे पातालपुरी मठ के महंत बालक दास जी महाराज ने कहा कि ‘सनातन संस्कृति में पशु-पक्षी का भी पेट भरना सिखाया गया है। आज दुनियां की सरकारें भले ही असफल हो जायें लेकिन सामाजिक सहभागिता के आधार पर हर एक दूसरे का पेट भी भर सकते हैं और अपने रिश्ते को भी मजबूत कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ को भूख की समस्या पर चिन्तित होना चाहिए।’


कृषि विज्ञान संस्थान, बी0एच0यू0 के प्रो0 एस0पी0 सिंह ने कहा कि ‘इन्द्रेश कुमार ने भूख मिटाने का जो दर्शन दिया है वह किसी सरकार का मोहताज नहीं। यह माॅडल पूरे विष्व के लिये अनुकरणीय हो सकता है।’


विशाल भारत संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष डा0 राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि ‘अनाज बैंक 2200 परिवारों को अनाज देकर भूख से मुक्ति का स्वराज दिला रहा है। 18 फरवरी को भूख मुक्ति दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को भूख पीड़ितों की मदद के लिये प्रेरित करना है। कोई भी सक्षम व्यक्ति अपने आस पड़ोस के 5 व्यक्तियों की चिन्ता करे कि वो भूख से पीड़ित तो नहीं है, तो फिर कोई भी व्यक्ति भूख से नहीं मरेगा। पूरे विश्व में भूख बड़ी समस्या है लेकिन सारी तकनीकि के बावजूद इस समस्या का हल नहीं निकल पा रहा है। भारत की सनातन संस्कृति ही भूख से मुक्त कराने की क्षमता रखती है।’


अनाज बैंक की प्रबंध निदेशक अर्चना भारतवंशी ने कहा कि ‘अनाज बैंक शीघ्र ही मोबाइल अनाज बैंक के जरिये दूर-दराज के गांवों तक अपनी पहुंच बनायेगा।’


कार्यक्रम का संचालन मो0 अजहरूद्दीन ने किया एवं धन्यवाद पूनम सिंह ने दिया।


इस अवसर पर नाजनीन अंसारी, डा0 मृदुला जायसवाल, नजमा परवीन, मनोज श्रीवास्तव, डी0एन0 सिंह,  शिवम सिंह, दीपक गोंड, अंकुर तिवारी, रमन, धनंजय, शिवेन्द्र, सुनीता श्रीवास्तव, मैना देवी, रमता देवी, राशिद, पौरिक सिंह, तबरेज, रोजा, इली भारतवंशी, शालिनी, दक्षिता आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।