केके बिरला फाउंडेशन सिंधी लेखक वासदेव मोही को देगा 2019 का सरस्वती सम्मान




(पावन भारत टाइम्स संवाद)




के.के.बिरला फाउंडेशन,दिल्ली की ओर से  2019 का सरस्वती सम्मान सिंधी भाषी लेखक  वासदेव मोही को उनके कथा संग्रह 'चेकबुक' के  लिए देने की घोषणा की गई है।
यह जानकारी फाउंडेशन के निदेशक डा.सुरेश ॠतुपर्ण ने एक विज्ञप्ति में दी है।
उन्होंने बताया कि के.के.बिरला फाउंडेशन प्रत्येक वर्ष 15 लाख का सरस्वती सम्मान एक भारतीय भाषा की कृति को और 4 लाख का व्यास सम्मान हिंदी  की कृति को प्रदान किया जाता है।
डा.ॠतुपर्ण ने विशेष उल्लेख करते हुए यह जानकारी दी कि
फाउंडेशन के इतिहास में यह पहला अवसर है जब सिंधी की कृति को सरस्वती सम्मान प्राप्त हो रहा है। 
उल्लेखनीय है कि सिंधी भाषा समिति के सदस्य संयोजक ज्ञानप्रकाश टेकचंदानी सरल और सदस्य संध्या कुंदनानी व कलाधर मुतवा हैं।इस समिति ने पहले  चेकबुक को इस पुरस्कार के योग्य पाकर 5 भाषाओं की  क्षेत्रीय समिति में पहुंचाया जहां श्री ज्ञाप्रटे सरल की ज़ोरदार वकालत  के बाद चेक बुक चयन परिषद् में पहुंची। वहां पर क्षेत्रीय समिति की सदस्य संयोजक गोवा की डा.किरण बुधकुले की वकालत के बाद चेकबुक को सरस्वती सम्मान के लिए चुना गया।
सिंधी भाषा की पुस्तक को पहली बार सरस्वती सम्मान के लिए चुनेजाने पर देशभर के सिंधी साहित्य जगत् में अत्यंत हर्ष व्यक्त किया जा रहा है।
परिचय
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श्री वासदेव मोही का जन्म अविभाजित भारत के सिंध प्रांत को जनपद मीरपुर ख़ास में 2 मार्च,सन् 1944 ईं. को हुआ था।
उनका पूरा नाम वासदेव वेन्सीमल सिद्धनानी है।मोही आपका उपनाम है।
आप कथा-कविता में समान रूप से लेखन करते हैं।10 कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं।
राजाश्रय के अन्तर्गत केंद्रीय साहित्य अकादेमी,गुजरात साहित्य अकादमी,दिल्ली सिंधी अकादमी व राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद् के अतिरिक्त स्वयंसेवी साहित्यिक संस्थानों से आजीवन साहित्यसेवा के लिए पुरस्कृत हो चुके हैं।
सिंधी की कई पत्रिकाओं ने उन पर विशेषांक प्रकाशित किए हैं।