बाबा देवेन्द्र दास सुना रहे बीठलपुर में भागवत कथा

 


 



(दिनेश तिवारी)


 बीकापुर - अयोध्या ।चौरे बाजार चौकी क्षेत्र अंतर्गत माँ शीतला देवी कल्याण सेवा समिति बीठलपुर में आयोजित श्री मद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के छठें दिवस की कथा में दसरथ गद्दी  अयोध्या धाम से पधारे कथा व्यास पूज्य  बाबा देवेन्द्र दास जी महाराज ने भगवान  कृष्ण जी के दिव्य महारास की विस्तृत कथा सुनाते हुवे गोपियों की विरह की कथा में बताया की उद्धव जी जैसे परम् ज्ञानी जो भगवान कृष्ण जी के भेजने पर संदेशा लेकर 1 दिन के लिए आते हैं।  परंतु उन गवार गोपियों की प्रभु के चरणों मे प्रीति और लगन की चर्चा सुनते जिन उद्धव जी को 6 महीने बीत जाते हैं और मानो उद्धव जी  कहना चाहते हैं कि मैं उन गोपियों के चरणों की रज बनना चाहता हूं ।



ब्रजांगनाओ के चरणों की धूल का कण भी बन जाऊं तो इस संसार के भवसागर से बड़ी सहजता से मुक्त हो जाऊंगा ।उद्धव गोपी संवाद की कथा सुनाते हुवे श्री महाराज जी ने बताया कि कंस के वध के बाद कृष्ण के ससुर जरासन्ध द्वारा मथुरा पर 18 बार आक्रमण किया गया तो भगवान ने 17 बार जरासन्ध को हराया 18 बार के आक्रमण करने पर भगवान ने विश्वकर्मा बाबा को आदेश दिया कि एक नई पुरी का निर्माण करो तब समुद्र के टीपू पर द्वारिकापुरी का निर्माण हुवा भगवान द्वारिका प्रस्थान किये यहाँ भगवान का एक नाम और पड़ा "रणछोड़"  भगवान द्वारिकाधीश बने 
और भगवान के द्वारिकाधीश बनते ही कुण्डन पुर के राजा भीष्मक ने अपनी एकलौती पुत्री महारानी रुक्मणि के साथ द्वारिकाधीश का विवाह करने का विचार बनता है ।जिसको भीष्मक का ही पुत्र रुक्मणि  का बड़ा भाई रुक्मी नहीं स्वीकार करता है रुक्मी चाहता है कि मेरी बहन का विवाह रणछोड़ के साथ नहीं होने दूँगा। अतः रुक्मि ने रूक्मिणी जी का विवाह शिशुपाल से करना चाहता है। परंतु रुक्मणि महारानी के द्वारा एक ब्राह्मण देवता के द्वारा पत्र भेजा जाता है ।द्वारिकापुरी में जिस पत्र को पढ़ते ही भगवान स्वयं रथ पर सवार होकर आते हैं और महारानी रुक्मणि जी को गिरिजा मन्दिर में पूजा करने के तत्पश्चात अपने रथ में बिठाकर महारानी रुक्मणि जी अपने साथ ले जाते हैं और शिशुपाल और जरासन्ध के द्वारा आक्रमण किया जाता है जिसमे भगवान के बड़े भैया बलदाऊ जी महाराज 23 अक्षौहिणी सेना लेकर शत्रुओं को परास्त करते हैं ।
अतः इस प्रकार भगवान कथा में उपस्थिति हज़ारों भक्तों ने धूम धाम से भगवान का सुंदर विवाहोत्सव मनाया ।
उक्त कार्यक्रम की शुरुआत में उत्साहित लोगों ने महाराज जी का माल्यार्पण कर भव्यता के साथ स्वागत करने में प्रमुख रूप से प्रदीप मिश्र बद्री, विशाल मिश्रा, दीपक मिश्रा ,राहुल मिश्रा, सुधीर मिश्रा  ,अंबिका प्रसाद मिश्रा, दिवाकर मिश्रा ,दुर्गेश मिश्रा ,चंद्रकांत पांडे ,सुशील मिश्रा उर्फ कल्लू ,जगन्नाथ तिवारी, संजय तिवारी, राजेंद्र प्रसाद तिवारी , डॉ दिनेश तिवारी,आदि लोग रहे हैं।
भगवान श्री कृष्णा के विवाह उत्सव एवं झांकी को देखकर एकत्र श्रोतागण गैस की गीतों पर थिरकने के लिए मजबूर हो उठे। कथा की मधुरता और व्यासपीठ आदिश्वर की अमृतवाणी से हजारों की संख्या में कड़ाके की ठंड में लोग एकत्र होकर देर रात तक कथा सुनते देखे जा रहे हैं ।