अवध विश्वविद्यालय में खुलेगा कोरियाई संस्कृति अध्ययन केंद्र

 



  1. - अगले महीने विवि का दौरा करेगी कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र की टीम


(पावन भारत टाइम्स संवाद)
अयोध्या/ दिल्ली। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या में कोरियाई संस्कृति अध्ययन केंद्र खोला जाएगा। 
 यह केंद्र कोरियाई सरकार के नई दिल्ली स्थित कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र की मदद से खोला जाएगा। इस सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र में दोनों देशों की साझा संस्कृति व सांस्कृतिक-राजनीतिक संबंध को लेकर अध्ययन- अध्यापन कार्य होगा। 
इस संबंध में विश्वविद्यालय के अकादमिक सलाहकार डॉ अरुण कुमार पाण्डेय ने गुरुवार को कोरियाई सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र के निदेशक किम कुम-प्योंग से मुलाकात किया। उन्होंने बताया कि केंद्र को स्थापित करने की दिशा में तेजी से पहल करते हुए कोरियाई सरकार के सांस्कृतिक प्रतिनिधि अपनी टीम के साथ अगले महीने विश्वविद्यालय परिसर का दौरा करेगी और विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित से मुलाकात करेगी। साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में कोरियाई कलाकारों द्वारा भव्य  प्रस्तुति भी दी जाएगी।
पावन भारत टाइम्स से बात करते हुए डॉ. पाण्डेय ने बताया इस कोरियाई सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र के तहत शुरुआत में तीन सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा, जिसमें कोरियाई भाषा, भारत- कोरिया सांस्कृतिक संबंध और कोरिया का सांस्कृतिक का परिचय शामिल होगा। डॉक्टर पाण्डेय से बात करते हुए कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक किम कुम-प्योंग ने कहा कि वह पिछले 10 वर्षों से नियमित अयोध्या आते रहते हैं और अयोध्या उनको अपना दूसरा घर लगता है। उन्होंने विश्वविद्यालय के अकादमिक उन्नयन को लेकर प्रतिबद्धता जताई और कहा कि कोरियाई सरकार केंद्र को स्थापित करने में भरपूर सहयोग देगी। प्योंग ने उम्मीद जताई इस केंद्र के जरिए भारत-कोरिया की महान साझी विरासत का प्रचार प्रसार होगा व दोनों मित्र देशों के संबंध अधिक प्रगाढ़ होंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह केंद्र महज एक अध्ययन केंद्र ना होकर दोनों देशों के सांस्कृतिक विद्वानों व शोधार्थियों का केंद्र बनेगा। बताते चलें कि कोरिया व भारत के प्राचीन काल से ही गहन सांस्कृतिक राजनीतिक व पारिवारिक संबंध रहे हैं। माना जाता है कि अयोध्या राजपरिवार की राजकुमारी सूरी रत्ना ही कोरियाई रानी हो हैं। अयोध्या में कोरियाई सरकार के सहयोग से रानी हो का स्मारक भी बनाया गया है और इस समय उसके  विस्तार व सौंदर्यीकरण काम बेहद तेज गति से हो रहा है।
विश्वविद्यालय कार्य परिषद सदस्य ओम प्रकाश सिंह ने इसे विश्वविद्यालय के इतिहास की सबसे यह बड़ी उपलब्धि बताते हुए कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित की मुक्त कंठ से सराहना किया है।
अवध विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जो किसी देश से एमओयू करेगा।